Saturday, October 9, 2010
न्यायपालिका का खेल
अयोह्या की चर्चित घटना बाबरी मस्जिद और रामजनम भूमि के बारे में कौन नहीं जानता फैसला आते ही तमाम नागरिक करत की नज़र्याती चीजों को दखने लगे .ये सोचने लगे भी के बोलना सवैधानिक दायरे में गलत है या सही .एक तरफ फैसले की गंभीरता को देख रहे थे तो दूसरी तरफ ये सोच रहे थे की न्य्याय्पलिका को सिविल फैसला में गाँव के बटवारे की तरह सहारा नहीं लेना चाह्ये जो भी हो अब जरूरत है सविधान की हिफाजत की और देश के अन्दर में चल रहे जनतंत्र को बचाने की दोनों पक्ष अपने अपने फैसले को ले कर सर्वोच न्य्याय्ल्य में जाना चाहते है देखना है सर्वोच न्य्याय्ल्य न्याय की रौशनी में फैसला देती है या वह भी आस्था का प्रश्न उधा कर कानून को अलग थलग रखना चाहती है
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