Saturday, October 9, 2010

बिहार विधानसभा २०१०

चनाव की घोषना होते ही तमाम पार्टियाँ अपने अपने उम्मीदवारों की सूचि बनाने में लगी हुई थी .लेकिन चेत्रिय पार्टी और राष्ट्रीय पार्टी एक दुसरे के नेताओं को छिनने में लगी हुई थी ना कोई राष्ट्रीय बहस न कोई राज्य का बहस न कोई आम नागरिकों के हितो की बातें न उनके शोषण के मुक्ती का आवाज सिर्फ एक ही बात नज़र आ रहा था के कैसे जातीय नस्लीय समीकरण बिधा कर राज्ज्य्या की सत्ता को अपने कब्जे में लिया जाये वही राज्या में वामपंथी पार्टियाँ अपने आम नागरिको के सवाल को उठा कर अवसरवादी राजनीती को चुनौती देते हुई एक नए बिहार के संकल्प के साथ अपने उम्मीदवारों को उतरने में लगी हुई है देखना है बिहार की जनता धर्म औइर जात के साथ या नस्ल और जाती राजनीति के साथ या उदारवादी नीतियों को मजबूती से लागू करने वालो के साथ या की जनवादी मानव्मूक्ति की बेहतर जिंदगी देने वालों के साथ कहदी होगी देखना है बिहार विधानसभा २०१० का परिणाम क्या होता है

न्यायपालिका का खेल

अयोह्या की चर्चित घटना बाबरी मस्जिद और रामजनम भूमि के बारे में कौन नहीं जानता फैसला आते ही तमाम नागरिक करत की नज़र्याती चीजों को दखने लगे .ये सोचने लगे भी के बोलना सवैधानिक दायरे में गलत है या सही .एक तरफ फैसले की गंभीरता को देख रहे थे तो दूसरी तरफ ये सोच रहे थे की न्य्याय्पलिका को सिविल फैसला में गाँव के बटवारे की तरह सहारा नहीं लेना चाह्ये जो भी हो अब जरूरत है सविधान की हिफाजत की और देश के अन्दर में चल रहे जनतंत्र को बचाने की दोनों पक्ष अपने अपने फैसले को ले कर सर्वोच न्य्याय्ल्य में जाना चाहते है देखना है सर्वोच न्य्याय्ल्य न्याय की रौशनी में फैसला देती है या वह भी आस्था का प्रश्न उधा कर कानून को अलग थलग रखना चाहती है

उड़ीसा का जन आन्दोलन

क्या आप अभय साहू को जनत+इ है बहुरास्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ चल रहे जनांदोलन का नेतृत्वा एक दसक से कर रहे हैं पोस्को के खिलाफ भारत के आम जन मानुष के लिए अपने घर माकन को छोड़ प्रतिरोध खड़ा करने में लगे हें पिछले समय हजारो लोग पद यात्रा कर सर्कार के विदेशी नीति के खिलाफ १७० क.म। लम्बी यात्रा पोस्को संग्राम समिति के नेतृत्वा में किया .पोस्को हटाओ उड़ीसा बचाओ मुख्या नारा लगते हुए आम नागरिक नारा बुलंद कर रहे थे मार्ग में भूख लगेगी तब पैरों दर्द होगा तब ये कहते हुए बढ़ रहे थे। इस आन्दोलन को समर्थन देने के लिए देश के तमाम संगधन के लोग शामिल हुए .संगर्ष अभी भी जारी है
देखना है सरकार हारती है या आम जनता