Sunday, June 28, 2015

बिहार के राजनीत में नया मोड

बिहार के राजनीत में नया मोड 

आज कल बिहार की राजनीत में एक अलग तरह का प्रयोग हो रहा है. एक तरफ बीजेपी के नेतृत्व में एक मोर्चा का स्वरूप बन चूका है दूसरी तरफ rjd और jud का गढ़बंधन मजबूत होता दिख रहा है. बिहार में पहली बार वाममोर्चा यानि की सीपीआई, सीपीएम , सीपीआई एमएल अन्य वामपंथी पार्टीयो को लेकर एक तीसरा विकल्प बनाने जा रही है. अब देखना है की बिहार में किस धुरी की राजनीत चल सकेगी। सीपीआई ने लगातार अपने सहयोगियों पहले के राजद व अभी के जदयू से मोह भंगकर पहली बार इस राजनीत को चलने की कोशिश कर रही है.सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह अपने पार्टी जनाधार को बढ़ने और सम्पूर्ण बिहार में सीपीआई की खोयी हुयी ताकत को बढ़ने में लगे हुए है. उनका मनना है कि लेफ्ट पार्टी तमाम कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष कर एक मजबूत विकल्प दे सकती है. वही बिहार के बुद्धिजीवियों का मनना है की वाम जनवादी एकता बिहार के लिए एक बेहतर विकल्प होना चहिये।  यू तो  मुख्यमंत्री नितीश कुमार सीपीआई से तालमेल को लेकर उत्सुक दिख रहे है. अब यह दिलचस्प होगा की आने चुनाव में गठबंधन क्या स्वरूप लेगा।

विवादित जमीन मामले की हो उच्चस्तरीय जांच : इरफान

विवादित जमीन मामले की हो उच्चस्तरीय जांच : इरफान

‘‘ जहानाबाद में उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई हो’

पटना (एसएनबी)। ऑल इंडिया तंजीम ए इंसाफ ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन जहानाबाद में पिछले चार दिनों से जारी हिंसा व उपद्रव की घटना पर रोक लगाने और उपद्रवियों पर कड़ी कारवाई करने की मांग की है। इंसाफ की ओर जारी प्रेस बयान में महासचिव इरफान अहमद फातमी व सचिव मंडल के सदस्य समर टालवी ने कहा है कि जहानाबाद में दो गुटों में हुए संघर्षो पर जिला प्रशासन व धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक जनता से तनाव शांत कराने का आह्वान किया है। वहीं जिला प्रशासन व राज्य सरकार से उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्त कारवाई की मांग हैं। नेताद्वय ने कहा कि गत दिनों से जमीन विवाद को लेकर दो गुटों के झगड़े को सम्प्रदायिक रूप देने की कोशिश में कुछ सिरफिरे लोग लगे हुए हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन की चौकसी व स्थानीय आम नागरिकों के भाईचारे ने इसे होने नहीं दिया। राजनीतिक हित के लिए कुछ संगठन लगातार मामले को हवा दे रहे हैं। इंसाफ ने तरक्की पसंद जनता व राज्य सरकार से अपील की है कि वे राज्य के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को बनाये रखने में कोई कोर-कसर न छोड़ें। संगठन ने विवादित जमीन के मामले की उच्चस्तरीय जांच कमेटी से कराने की मांग की है।
राष्ट्रीय सहारा पटना 29 . 06 . 2015 में प्रकाशित